5 Simple Techniques For भूत की कहानी

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अंत में साधू भूत पर काबू पाने की युक्ति निकाल लेता है और सब गांव वालों से कहता है कि ये भूत केवल रात के अंधेरे में निकलता है, जिसका अर्थ है कि इसे दिन की रोशनी से डर लगता है और रोशनी के सहारे ही भूत से छुटकारा पाया जा सकता है। साधू की बात सुनकर सभी गांव वाले मिलकर एक योजना बनाते हैं।

मेरे मौसा जी एक डॉक्टर है तो उन्हें रहने के लिए एक क्वाटर मिला हुआ था। वे उस क्वाटर में दूसरे मंजिल पर रहते थे। उनके फ्लोर पर एक बालकनी थी जिसके पीछे की ओर एक जंगल था और रात के समय उस जंगल से अज़ीबोगरीब आवाजे सुनाई देती थी।

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रात बीतती जा रही थी, और युवक ने एक नए दृष्टिकोण से जीवन को देखना सीख लिया था। राजा की आत्मा ने कहा, “यह जगह सिर्फ भूत-प्रेतों की नहीं, बल्कि जीवित लोगों के लिए भी है। यहां आकर लोग अपने आत्मा के साथ मिलकर जीवन की सच्चाई को समझ सकते हैं।”

 उस शोरूम के मालिक के पिता ने उस शोरूम को बनवाया था। फिर जब उस शोरूम की बडी तरक्की हुई और बॉलीवुड के लोगों को कास्ट्यूम सेल करनेवाली शोरूम कहलाई तब उनकी तरक्की न सहते हुए उन्हें उनके द्वेषियों ने गुंडा लोगों को भेज कर उनका कत्ल करवाया। जब वे ज़िंदा थे तब शोरूम के हर सदस्य में प्रामाणिकता, निष्ठा और मेहनत की अपेक्षा करते थे। कोई उद्योगी अगर कोई अप्रामाणिक काम, धोखेबाज़ी आदि करता था तो उससे दंड देते थे।

गुरु जी अपने भूतिया चेलो के पास जाते है और सारी बात बताते है। अब दुगुना राशन पहलवान के घर पहुंचाना होगा, इस पर इस बात पर सभी चेले सिर पीट कर रह जाते है।

पहलवान मुंशी को खेती के लिए जमीन मांगने की अपनी विनती बताता है। संदेश लेकर राजा के पास पहुंचने पर राजा पहलवान को ढेर सारी जमीन देने का आदेश देता है। मुंशी बेहद चतुर होता है तो वह राजा द्वारा पहलवान को दी गई अधिकांश जमीन स्वयं के लिए रखकर मोहन को कब्रिस्तान के पास एक बंजर जमीन का छोटा सा टुकड़ा दे देता है, जिसे पाकर पहलवान खुशी-खुशी वापस लौट जाता है।

राज और सुनील ने एक बड़े से बंगले की ओर बढ़ते हुए देखा कि वहां एक बड़ा मेला चल रहा था। मेले में भूतों के साथ-साथ जिन्न और चुड़ैलें भी थीं। लोग खुशी-खुशी मेले में here भाग ले रहे थे और भूतों की दुनिया में एक अलग ही रंग-बिरंगी दुनिया थी।

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. सोनू घबराकर कुए के पास से चला जाता है और गांव वालों को कुए की बात बताता है..

*** क्‍या होती हैं रूहें और उनकी प्रवृति ***

पहलवान भूतों काडटकर सामना करता है। किसी भूत का सर फटा हुआ था, किसी भूत का हाथ टूटा हुआ था, किसी का पैर टूटा हुआ था, सभी भूत लाइन से खड़े हुए थे। और माफी पहलवान से माफी मांगने लग रहे थे। 

मुझे बहुत हैरानी हुई कि मेरे कहने पर वह अदृश्य शक्ति चली गयी। फिर मैं भगवान का मंत्र जाप्ते चुप चाप सो गया। अगले दिन मैंने अपने दोस्त विट्टल को यह घटना बताई। वह डर गया था।

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